Saturday, April 28, 2018

सुर्ख गुलाब संभाल लेना किताबों में
सिर्फ कांटे भेजना...
कि उनकी चुभन
बेख्याली से बाहर ले आएगी मुझे
टूट जाएंगे भरम
तोहफे में शिकवे भेजना
खत में शिकायतों का मजमून ...
भेजना...आंसू
अफसोस भेजना....
इंकार भेजना मुझे.....
मोहब्बतें नहीं,
जी भर के सदमें भेजना मुझे ....
कि जानां....आओ,
मोहब्बत के महीने की फितरत बदल दें हम

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