है राग वही और साज वही
और खुद से खुद की
बात वही..
खुद से खुद का फिर लड़ जाना
टकराना टूट बिखर जाना
फिर खुद से कहना
मान भी ले...
अब चल भी दे
और जान भी ले...
जो बीत रहा तुझमें तू है
ये दुनिया फानी हर सूं है...
ये लफ्ज़ तूझे देंगे मानी
जो बीत गया फिर बीतेगा
ये रात कोई तो जीतेगा .
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