Friday, July 25, 2008

बेटियों के लिये.......

बेटियों पर किसी मुशायरे में कुछ शेर सुने थे....दिल में उतरे शेर पहले अपनी डायरी में दर्ज किये और अब आपकी नज़्र हैं...........

उड़के इक रोज़ बहुत दूर चली जाती हैं।

बेटियाँ शाख पे चिड़ियों की तरह होती हैं।।

ऐसा लगता है कि जैसे खत्म मेला हो गया

उड़ गई आँगन से चिड़िया घर अकेला हो गया।।

रो रहे थे सब तो मैं भी फूटकर रोने लगा।

वरना मुझको बेटियों की रुखसती अच्छी लगी।।

ये बच्ची चाहती है और कुछ दिन माँ को खुश रखना,

ये कपड़ों की मदद से अपनी लंबाई छुपाती है।।

घर में रहते हुए गैरों की तरह होती है।

बेटियाँ धान के पौधों की तरह होती हैं।।

Wednesday, July 23, 2008

सांसदों मे अटकी थी सरकार की साँसे,पल पल बदलता सियासत का पारा,और मुल्क टीवी पर दलबदलू,पलटू नेताओं, पर नज़रें जमाये था.....सरकार गिरी क्या...पूरे दिन हर जुबान पर यही एक जुमला.....पर इस मुल्क मे एक मुल्क और भी था... सरकार से बेपरवाह मुल्क,वो मुल्क जिसके पेट का सवाल किसी सरकार से हल नही होता ,ऐसा नही की सियासत से इसका कोई वास्ता ही नही,नेताओं की सभाओं मे भीड़ बनकर ये भी जाता है....लेकिन कार्यकर्ताओं की फेंकी हुई झूठन खाने...ये वो मुल्क है जिसकी बढती आती खाली हथेली, कार मे इतराते अमीरों के कॉच चढवा देती है.... हर नेता चुनाव मे इस मुल्क की परवाह करता है...लेकिन चुनाव बाद ये मुल्क भाषणों के साथ नेताओँ के दिमाग से भी उतर जाता है....ताज्जुब होता है लोकतंत्र में ये ही वो मुल्क है जो सूरज की पहली किरन के साथ वोट देने जाता है,...और सरकार बनाता है।

Wednesday, July 16, 2008

मेरी चैनल दोस्त का आज फ़ोन आया उसने पूछा यार भगवान् पर कोई कहानी बता ना,अभी तक हम ख़बरों पर बातें किया करते थे ,इंसानों की खबरें,हमारे आस पास जो अनदेखा अन्जाना,अनचीन्हा,उनकी खबरें,टी आर पी का खेल देखिये हम भगवन की ख़बर लेने लगे.छोटे थे तौ माँ कहती थी,उपरवाला सबकी ख़बर लेता है,तब वो भी कहाँ जानती थी, की टीवी वाले एक दिन उपरवाले की भी ख़बर ले लेंगे.उस पैर गज़ब ये की अब ख़बरवाले ही बताएँगे की किस भगवन की टीआरपी कितनी है.अभी ४ ,६ महीने पहले तक शनिदेव का हल्ला था,लेकिन अब साईंदेव का बोलबाला है.शिर्डी में और उनके भक्तों के दिलमें तौ साईं पहले से हैं.क्या हुआ जो कैमरे की नज़र अभी पड़ी.बाबा तौ वैसे ही हैं लेकिन साईं के सहारे चेनलों की नैय्या पार लग गई. बाबा भी सोचते होंगे जब इतने भक्तों का रोज़ भला करता हूँ तौ बेचारे ख़बरवालों नए क्या बिगाडा है...अब और इन्तेज़ार नही यही दौर जारी रहा,तौ एक दिन सत्यनारायण की कथा भी ख़बर बनेगी.और सूतजी किसी चैनल के स्टूडियो मे मोर्चा संभाले,टीवी भक्तों को विष्णु भगवान् की कथा सुनकर कह रहे होंगे,कलयुग मे विष्णु भगवान् टीआरपी देव के रूप मे जाने जायेंगे.अब जो देश भगवान् भरोसे है चैनल भगवन भरोसे हो गए तौ क्या बुरा है.

Thursday, July 3, 2008

थोडी सी हँसी,कुछ आँखों की बातें
और बात बन जाती है
आसान हो जाती है हर मुश्किल
इसे पैंतरा कह लीजिये,
या दुनिया को उसी के अंदाज़ मे जितने का मंत्र
लेकिन संघर्षों की सियाही मे ख़ुद ख़त्म हो जाने से आसान है ये ,
देखती हूँ कोई ज़रूरी नही
जूझना,लड़ना, सीखना
सिर्फ़ और सिर्फ़ लड़की होना काफ़ी है.....