मौके पर ही मौत ना हुई, तो मौत का मतलब ही नहीं
मानवता शर्मसार ना हो, तो काहे की मानवता
राजनीति में कैसी भी बात, कोई नेता नहीं वक्त बताता है
और जवाबदेही इस शब्द के पापा प्रशासन अंकल हैं....
बात या तो अहम होती है, या सबसे बड़ी, वरना कोई बात बात नहीं होती
निश्चित ही..., नेता की जुबान से छूटा, रिपोर्टर ने लपका
डॉक्टर ईलाज कम लापरवाही ज्यादा करते हैं...
महिला के साथ बदसलूकी यूं जुड़ा है जैसे शरीर के साथ सांसे
# खबर की दुनिया में शब्दों की अजब गजब दुनियां...श्रंखला भाग एक।
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