Saturday, April 28, 2018

फिर तेरी याद का मौसम है.....



फिर तेरी याद का मौसम है.....
सरहद पार से जिन दिनों में सिर्फ गोली बारी की ही खबरें आ रही थी, उन दिनों में भी ख्वाब,बनकर कोई मेहमान चला आया था उस पार से। आया तो इतने दबे पांव और इस कदर खामोशी से कि किसी को महसूस भी नहीं हुआ और उसने जाने कब, पहले घर और फिर सीधे दिलों पर दस्तक दे दी।
स्कूल कॉलेज के दिनों की वो दीवानगी फिर लौट लौट आई हो जैसे।।
वो सितारा है चमकने दो यूँ ही आँखों मे, क्या ज़रूरी है उसे जिस्म बना कर देखो।

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