ये चढते दिन की तस्वीर
हकीकत है हमारे जीवन की
कि जब वक्त भी तल्ख धूप लाए
कुछ बेहद अपने छूट जाएं राह में ...
इम्तेहान हर दिन की कहानी हो
और नतीजों की कोई तय तारीख नहीं ....
हां तब भी....
तुम मुस्कुराना यूं हीं....
कि साथ साथ करेंगे जिंदगी से दो दो हाथ
और बाज़ी हमारे नाम होगी.....
.....
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