Saturday, April 28, 2018

भरोसा ही तो था

भरोसा ही तो था
कि तेज़ तूफान में भी नाविक थामे रहा कश्ती
पूजते रहे पत्थर कि एक दिन बोलेगा वो भी
भरोसे पर,
घर से सैकड़ों मील दूर भेजे जाते रहे बच्चे 
धुंधलके में भी घर से निकलती रहीं लड़िकयां
तुम्हारे भरोसे का हाथ थामे तो चल दी थी वो
जिंदगी के दुश्वार जंगलों में
भरोसे पर उस वक्त तक किया था इंतजार तुम्हारा
कि जब दूर देस से आने वाले सारे जहाज खाली होकर लौट चुके थे
पर तुम नहीं उतरे..
और अब तुम पूछते हो भरोसा किस चिड़िया का नाम है......
शिफाली

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