Saturday, April 28, 2018

सुबह मैने एक लकीर मिटाई और अपनी जिंदगी में हौसला...हिम्मत, भरोसा, मोहब्बत...बनकर आए तमाम मेल्स को शुक्राना भेजा.....शाम बेटे के स्कूल की डिमांड पर खास पिंक कलर की टी शर्ट खरीदने जब बाजार गई तो एक नई लकीर से सामना हुआ....रंगों की लकीर... पूरे बाजार में लड़कों, खास कर किड्स बॉयज़ के लिए पिंक कलर की टी शर्ट पूरे बाजार में नहीं मिली...और इस दलील के साथ कि कंपनियां किड्स बॉयज़ के लिए पिंक टी शर्ट बनाती ही नहीं हैं.....और इसकी एक मात्र वजह, पिंक लड़कियों का कलर है....देखिए फर्क की बुनियाद कितने धीरे से हमारी दुनिया में दाखिल हो रही है....गुड़िया तेरी, सुपरमैन मेरा.....गुलाबी तेरा, आसमानी मेरा ....देहरी तेरी,आसमान मेरा ....रसोई तेरी, दफ्तर मेरा ....उफ्फ

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