Saturday, April 28, 2018

आज ही के दिन रुख़सत हुए... कितनों का पहला क्रश थे तुम...



आज ही के दिन रुख़सत हुए... कितनों का पहला क्रश थे तुम...
तो क्या आईनें में ये सूरत देखी नहीं गई...
हिन्दुस्तानी सिनेमा में एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन को कॉम्पलेक्स देने वाले हैण्डसम विनोद खन्ना की मौत की तारीख भले 27 अप्रैल लिखी जाए। लेकिन विनोद खन्ना तो उसी रोज हमारी दुनिया से अलविदा कह गए थे जिस रोज कैंसर से जूझते लाचार बीमार कमजोर विनोद खन्ना की अस्पताल वाली की एक तस्वीर वायरल हुई थी। चमकता सितारा उस तस्वीर में बुझा हुआ दिखाई दिया था। हीरो कभी इस सूरत ए हाल में देखे नहीं जाते। कमजोर लड़खड़ाते पैर और बदन पर अस्पताल की मरीजों को दी जाने वाली कमीज। सितारों का दी एण्ड फानी दुनिया को अलविदा कहना भर नहीं होता। हमारी दुनिया में तो सितारे की मौत, तो उस घड़ी ही हो जाती है कि जब वो सितारा हैसियत में नहीं रह जाता। 
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.मलेशिया में हुए एक अवार्ड फंक्शन में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड लिए जाने के बाद अपनी स्पीच में विनोद खन्ना कहा था, ये पुरुस्कार ज़रुर ले रहा हूं लेकिन मैं रिटायर नहीं हुआ अभी, मेरे अभिनय के बहुत से रंग अभी बाकी हैं। कौन जानें, एक खूबसूरत (जो मर्दों के लिए कम ही लिखा जाता है), दिलनशीं अभिनेता दीमक की तरह जिस्म को लील गई बीमारी के और मुरझाते अपने चेहरे को देख ना पाया हो आईना में। रुठ गया हो खुद से। नाराज़ हुआ और चल दिया। .

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