सरकार का प्रचार और प्रदर्शन करने वाले विभाग की जवाबदारी । लेकिन मिजाज इसके बिल्कुल उलट। इनकी गिनती शिवराज कैबिनेट के लो प्रोफाइल मिनिस्टर्स में होती है। पत्रकारों का ख्याल रखने वाले जनसंपर्क विभाग की जवाबदारी के चलते मीडिया भी उनसे फ्रेंडली है। लेकिन वो मीडिया फ्रेंडली कतई नहीं है। जो सुर्खियां बन जाएं, वो ऐसे कोई विवादित बयान नहीं देते। ऐसे कारनामें भी नहीं करते कि ब्रेकिंग खबर बनाई जा सके। सरकार के उन चुनिंदा मंत्रियों में शामिल है लक्ष्मीकांत शर्मा जो सरकार के भीतर भी बेवजह सवाल नहीं उठाते, जो जवाबदारी मिल गई उसे पूरी जिम्मेदारी से निभाते हैं। सरकार के भोंपू कहे जाने वाले विभाग के मंत्री हैं। लेकिन बयानवीर की तरह सरकार की उपलब्धियों का कोरा बखान नहीं करते। वो कहते हैं कि बीते आठ सालों में भाजपा सरकार के राज में मध्यप्रदेश ने तरक्की की राह पकड़ ली है। लेकिन वो साथ में ये मंजूर भी करते हैं कि खुशहाल मध्यप्रदेश के सपने के पूरा होने में गुंजाइश अब भी बाकी है। वो जोड़ते हैं, पर फिर भी ये तसल्ली करनी चाहिए कि प्रदेश अब उन हाथों में जो हाथ इस प्रदेश को कामयाबी के फ्रेम मे देखना चाहते हैं। प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का विभाग तो सरकार का महिमागान करता रहता है। लेकिन विभाग के मंत्री की नजर से देखिए भाजपा सरकार के आठ साल। इन आठ सालों पर चुनिंदा पांच सवाल।
जनसंपर्क विभाग के चश्मे से नहीं, आपकी नजर से देंखे सरकार के आठ साल?
मैं समझता हूं हमारी सरकार ने प्रदेश की कमान संभाली तो हम पर दोहरी जवाबदारी थी। एक तो दस सालों में जो प्रदेश का बेड़ा गर्क हो चुका था, कांग्रेस के राज में। उससे उबार कर प्रदेश को पटरी पर लाना था। तो पहली किस्त में, मतलब शुरुवात के तीन सालों में तो हमने प्रदेश को पटरी पर लाने का काम किया। फिर इस प्रदेश में तरक्की का सफर शुरु हुआ। जनसंपर्क विभाग की जवाबदारी जरुर है मुझ पर लेकिन में जबरन अपनी सरकार का बखान नहीं करता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हमारीे सरकार अच्छा काम कर रही है, इसका प्रमाण है कि प्रदेश की जनता ने हमे दुबारा सरकार बनाने का मौका दिया। शिवराज सिंह के नेतृत्व में भाजपा फिर सत्ता में आई। ये पहली सरकार है, जिसने राजनीतिक स्वार्थो से हटकर काम किया है। लाड़ली को लक्ष्मी बनाना, बेटियों को घरों में ही नहीं दिलों में जगह दिलाने का काम किया है। मैं समझता हूं ये हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है जो इतिहास में दर्ज होगी। लेकिन फिर भी मैं ये कहूंगा कि तरक्की का सफर अभी खत्म नहीं हुआ है,अभी काम बाकी है। संपूर्ण कभी कुछ नहीं होता, हर काम में गुंजाइश रहती है। लेकिन जिस तरह से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री प्रशासनिक कार्यो में पारदर्शिता के लिए कानून बना रहे हैं। जिस तरह से गरीबों आदिवासियों और महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाएँ चालू की गई हैं। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि 2013 में भी भाजपा मध्यप्रदेश में एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाएगी।
सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है? और वो कौन सी सबसे बड़ी कमी है, 2013 के पहले जिसे पूरा किए बगैर जनता को मूंह दिखाने भाजपा के लिए मुश्किल होगा?
मैं व्यक्तिगत तौर पर ये मानता हूं कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार देश की उन चुंनिदा सरकारों में शामिल है, जो संवेदनशील सरकार है। समाज से जुड़ कर काम करती है। जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने प्रदेश की जनता से मामा का रिश्ता बना लिया हो। वहां फिर कोई सवाल खड़ा नहीं होता। मैं समझता हूं कि अपने प्रदेश की जनता से सरकार ये रिश्ता सबसे बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि राजनीति में वोटों से हार जीत अपनी जगह है लेकिन राजनीति में असली लीडर वही है जो लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ले। हमारी सरकार ने इस ह्रदय प्रदेश में रहने वाले लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। सरकार हर मुसीबत में इस प्रदेश के आम आदमी के साथ खड़ी है।
एक तरफ भाजपा अन्ना हजारे का समर्थन करती है,दूसरी तरफ भाजपा सरकार के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के मामले लोकायुक्त में?
देखिए लोकायुक्त में शिकायत करने से ये तय नहीं हो जाता कि कोई मंत्री भ्रष्ट्राचार में लिप्त है। लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट आ जाने दीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। हमारी सरकार भ्रष्ट्राचार मुक्त सरकार है। और हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का तो खुद ये संकल्प है कि भ्रष्ट्राचारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। हमारी सरकार ने एतिहासिक पहल की और मध्यप्रदेश न्यायालय विधेयक को मंजूरी दी है। इस विधेयक में भ्रष्ट्र लोकसेवकों की भ्रष्ट्र तरीके से अर्जित की गई संपत्ति राजसात करने का प्रस्ताव है। वहीं इस तरह के मामलों के लिए अलग से कोर्ट गठित करने का भी इस विधेयक में प्रावधान है। शिवराज सरकार व्यवस्था में सुधार लाने के साथ,प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता लाने और भ्रष्ट्राचार को खत्म करने के लिए संकल्पबध्द है। इसी तरफ हम कदम आगे बढा रहे हैं। लोकसेवा गारंटी कानून के साथ जहां एक तरफ सरकारी कामकाज में सख्ती और व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश की गई है। वहीं ई गर्वनेंस के साथ सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने का अभूतपूर्व प्रयास हमारी सरकार ने किया है।
कांग्रेस सरकार के दौर में भाजपा,सरकारी होर्डिंग और बैनर की बाढ पर एतराज उठाती थी, और उसे अपनी वाहवाही बताती थी। अब आप भी उसी नक्शेकदम पर हैं, काम से ज्यादा काम का बखान?
आपकी ये बात बिल्कुल गलत है। कांग्रेस और भाजपा सरकार के कामकाज में जमीन आसमान का फर्क है। हमारी सरकार जो कहती है वो करती है। हम सपनें नहीं दिखाते। आंकड़ों की बाजीगरी नही ंकरते। प्रदेश में जो तरक्की हुई है। जो तस्वीर बदली है। पूरे तथ्यों के साथ उसे सामने रखते हैं। हमारा जनसंपर्क विभाग किसी भोंपू की तरह काम नहीं कर रहा। वो आवाज तो है सरकार की लेकिन सच्ची आवाज। वो सरकार की सच्ची कामयाबी की कहानी आम लोगों तक पहुंचाता है। और आप देखेंगे कि हमारे जो बैनर होर्डिंस का बड़ा हिस्सा उन योजनाओं को लेकर है,जो समाज में आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है।कोशिश ये है कि योजनाओं की जानकारी आम आदमी तक पहुंचे और वो इसका लाभ ले सकें।
आखिरी सवाल, 2003, फिर 2008 और अब मुमकिन है 2013 भी, मध्यप्रदेश में कहानी बिजली सड़क पानी से आगे क्यों नहीं बढ पाती?
2003 की बात छोड़ दीजिए। तब मध्यप्रदेश भाजपा सरकार को जिस हालत में मिला था उसे ठीक करने में ही हमारी सरकार के पांच साल निकल गए। लेकिन 2008 तक सड़कों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। और अब तो प्रदेश में गांव गांव तक पहुंच मार्ग बन चुके है। सड़कों के मामले में भी पूरी तस्वीर बदल चुकी है। याद कीजिए, कभी इसी मध्यप्रदेश की सड़कों के लिए कहा जाता था कि गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढा लेकिन अब हर तरफ पक्की सड़के हैं। रही बात बिजली पानी की तो जैसा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमेशा कहा है कि 2012 तक मध्यप्रदेश बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के राज में कामयाबी की जो कहानी लिखी जा रही है, उसमें बिजली पानी और सड़क जैसे मुद्दे तो बहुत पहले ही खत्म हो चुके हैं। आप देखिए ना कांग्रेसियों के पास भी कोई मुद्दे नहीं बचे हैं सरकार को घेरने के लिए। वजह ये है कि दिन रात प्रदेश के विकास की सोचने वाले मुख्यमंत्री और हमारी लोककल्याणकारी सरकार केवल काम करने में यकीन रखती है।
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