उसे दिन रात पड़ती हूँ....'
उसी मे गुम सी रहती हूँ
वो एक नादान सपना सा
मेरे घर बन के आया जो
कोई भगवान् ,अपना सा
वो जागे तब सुबह होती
जो सोये रात होती है
वो जागे तब सुबह होती
जो सोये रात होती है
वो हर मसले का हल जैसे
उम्मीदों का हो कल जैसे
मै जब भी ज़िदगी की मुश्किलों से हार जाती हूँ
मै जब भी ज़िदगी की मुश्किलों से हार जाती हूँ
वो उसकी नीमकश आँखें
मुझे कहती हैं जीना है !!
ज़माना कितने गम दे दे
मेरी खातिर वो पीना है भरोसा रख, की तेरे ही भरोसे दुनिया मे आया
के जिसने के कल की बेटी और बहन को माँ बनाया है
यही है मेरा सरमाया,
ये मेरी कोख का जाया......
जिसे दिन रात पढ़ती हूँ.......!!!!!
9 comments:
ये जिम्मेदारी है या मोह है
ये खिझाता भी है
रोता भी है... रूलाता भी है
पर बड़ा प्यारा लगता है
ये जीवन का आरोह है... अवरोह है
इसे जीने में मजा आता है
सुंदर.
(शीर्षक 'पटिये' दिखा
कहीं यह 'पढ़िये' तो नहीं, जिसे मैं ठीक से पढ़ न पर रहा होउं)
बहुत उम्दा...ममत्व दिख गया रचना में..
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
मेरी टिप्पणी तो सबसे पहले आने वाली थी, लेकिन देर हो गई। चलो कोई बात नहीं देर दुरुस्त आए। आपकी रचना वाक्य ही दिल को छू लेने वाली है। पटिए का अर्थ जरूर बतलाएं...
शौचालय से सोचालय तक
wo jage tab subah hoti,
jo soye raat hoti hai...
bahut khoob shefali ji...
in jagti raaton ka mol
sirf ek Maa ka dil hi jaan sakta hai..
bahut umda post...sahejne layak hai..
sundar Rachan...
rishton ko khoobsoorti se piroya hai Shaifaali..
Naye saal ki subhkaamnayen... aur naye saal me aap likhti rahengi
shifalee,bahut khoob...maa bankar bhi likhti rahiye
हाय नजर न लगे बढ़ा प्यारा मासूम है....नन्हें को ढ़ेरो आशीष, तुम्हें प्यार । अपना ख्याल रखना । नन्हें के लिए कुछ कहने की जरूरत नहीं क्योंकि माँओं की जिंदगी होते हैं उनके मासूम।
मेरी बात सच हुई न..
"where are you? keep blogging & happy holi."
pranav saxena
amitraghat.blogspot.com
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