Wednesday, July 16, 2008
मेरी चैनल दोस्त का आज फ़ोन आया उसने पूछा यार भगवान् पर कोई कहानी बता ना,अभी तक हम ख़बरों पर बातें किया करते थे ,इंसानों की खबरें,हमारे आस पास जो अनदेखा अन्जाना,अनचीन्हा,उनकी खबरें,टी आर पी का खेल देखिये हम भगवन की ख़बर लेने लगे.छोटे थे तौ माँ कहती थी,उपरवाला सबकी ख़बर लेता है,तब वो भी कहाँ जानती थी, की टीवी वाले एक दिन उपरवाले की भी ख़बर ले लेंगे.उस पैर गज़ब ये की अब ख़बरवाले ही बताएँगे की किस भगवन की टीआरपी कितनी है.अभी ४ ,६ महीने पहले तक शनिदेव का हल्ला था,लेकिन अब साईंदेव का बोलबाला है.शिर्डी में और उनके भक्तों के दिलमें तौ साईं पहले से हैं.क्या हुआ जो कैमरे की नज़र अभी पड़ी.बाबा तौ वैसे ही हैं लेकिन साईं के सहारे चेनलों की नैय्या पार लग गई. बाबा भी सोचते होंगे जब इतने भक्तों का रोज़ भला करता हूँ तौ बेचारे ख़बरवालों नए क्या बिगाडा है...अब और इन्तेज़ार नही यही दौर जारी रहा,तौ एक दिन सत्यनारायण की कथा भी ख़बर बनेगी.और सूतजी किसी चैनल के स्टूडियो मे मोर्चा संभाले,टीवी भक्तों को विष्णु भगवान् की कथा सुनकर कह रहे होंगे,कलयुग मे विष्णु भगवान् टीआरपी देव के रूप मे जाने जायेंगे.अब जो देश भगवान् भरोसे है चैनल भगवन भरोसे हो गए तौ क्या बुरा है.
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2 comments:
अब जो देश भगवान् भरोसे है चैनल भगवन भरोसे हो गए तौ क्या बुरा है.
--sahi kah rahe hain.
जब बाजारवाद हावी हो,जीवन की सार्थकता नष्ट हो रही हो तो घर,मुहल्ला,राज्य क्या पुरे देश के अिस्तत्व पर ही खतरा हैृ स्वयं अपनी अिस्मता पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया हो, ऐसे में भगवान तो याद आयेंगे हीृ चाहे मीडिया हो या राजनीति सब उसकी जद में आयेंगेृ
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