Wednesday, August 18, 2010

की इस छोटी सी दुनिया मे सभी क्यों कर नहीं अपने ,

जो रिश्ते हैं ,जो नाते हैं

की वो सब हो गए सपने ,

ये किस गुरुर ने अपनों से तनहा कर दिया हमको

ये क्या गुरुर है सारा जहाँ ठुकराए बैठे हैं।

यूँ ही लिख डाला.....कोई ख्याल इस तरह उतर गया..अब आपकी नजर है...............