Monday, June 23, 2008

दुनिया की ख़बर करते अपनी ख़बर नही दे पाई ,इनदिनों नई नौकरी की मस्रुफिअत दिल की बात करने का मौका नही दे रही..बहुत कुछ लिखने का दिल चाहता है ...लेकिन ऐसी मुश्किल मे हूँ की कुछ नही कह पाती लेकिन ये हालत बहुत दिन नही रहेंगे...इंशाल्लाह जल्द लौटना होगा.