Saturday, June 16, 2012

पापा तो हर दिन में हैं.

काले बरसाती बादलों से बहुत पहले
घर आ जाने वाली,
भंवर काली जामुनें
मिश्रा की जलेबी, 
खरबूजे का सिखिन्न
और वो अम्मा के हाथ के लाजवाब मुंगोड़े,
स्वाद की नहीं, 
ये पापा के साथ की यादें हैं,
पापा, तो पल छिन में हैं..
पापा तो हर दिन में हैं.